पुलिस ने व्यापारी के बेटे को पीटा

अमेठी जिले में पुलिस द्वारा बर्बरता की नई कहानी लिखी जा रही है पुलिस पर जहां निर्दोषों को जेल भेजने का आरोप लगता है वही पुलिस को मानव अधिकार कानून के उल्लंघन का आरोप आज अमेठी जिले में लगा है ।मामला अमेठी जिले के थाना बाजार शुक्ल से संबंधित है पुलिस ने अपनी सारी मर्यादाएं तोड़ कर सरेबाजार व्यापारी के बेटे को पी ट । है बाजार में व्यापारी के बेटे को महाराजा ना पुलिस के मानव अधिकार कानून का उल्लंघन है आपको बताते चलें कि पुलिस की डायरी में कहीं पर भी किसी भी अभियुक्त के साथ  मारपीट करने का अधिकार नहीं दिया गया है लेकिन अमेठी की बाज़ार शुक्ल पुलिस ने कारनामा खड़ा कर दिया है और वहां के व्यापारी वर्ग को अपनी क्रूरता का निशाना बनाया है पुलिस द्वारा उत्पीड़न किए जाने के विरोध में व्यापारियों ने आवाज बुलंद की है। अमेठी जिले के शुकुल बाजार थाना क्षेत्र में आज थाना अध्यक्ष  बाजार शुक्ल   विनोद कुमार मिश्रा द्वारा व्यापारी के बेटे को सरेआम मारा गया प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो आज शुकुल बाजार में बाजार का दिन होता है जिसके कारण शुकुल बाजार में भीड़ भाड़ अधिक रहती है शुकुल बाजार में राजेश गुप्ता की पिकअप गाड़ी  खड़ी थी और उसमें  सामान उतारा व चढ़ाया जा रहा था कि तभी गश्त पर निकले हुए थाना अध्यक्ष बाजार शुक्ल विनोद कुमार मिश्र पहुंचे और पिकअप गाड़ी के बारे में राहुल पुत्र राजेश गुप्ता से कुछ पूछताछ की उसके बाद एकाएक उन्होंने व्यापारी के बेटे को पीटना शुरू कर दिया । व्यापारियों ने एकता दिखाते हुए बाजार बंद का आवाहन करते हुए  सड़क पर उतर आए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे ।व्यापारियों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खड़ा कर दिया और बाजार को बंद कर दिया। शुक्ल बाजार के सभी प्रमुख मार्ग पर व्यापारियों की भीड़ लग गई और आवागमन यातायात बाधित होने लगा। शुक्ल बाजार में जिस तरह से आज व्यापारियों और पुलिस के बीच में तनाव पैदा हुआ है यह पुलिस द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न का पर्याप्त साक्ष्य माना जा सकता है ।व्यापारियों ने पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ आज अपनी आवाज बुलंद की है आपको बताते चलें कि आज अमेठी जिले के बाजार शुक्ल में कटरा चौराहे के पास राजेश गुप्ता की पिकअप खड़ी थी और इस पिकअप के बारे में थानाध्यक्ष बाजार शुक्ल ने राजेश गुप्ता के पुत्र राहुल से कुछ पूछताछ की थी और उसके बाद उन्होंने राहुल को मारना शुरू कर दिया और राहुल को थाने चलने की बात कही थी इसके बाद व्यापारियों में विद्रोह उठ खड़ा हुआ था।