अमेठी में अवैध कब्जेदारों की गिनती में जिले के बड़े और रसूखदार अफसर

अमेठी जनपद में अवैध कब्जेदारों की गिनती में जिले के बड़े और रसूखदार अफसर भी शामिल है जिनके आगे भूमि के वास्तविक स्वामी की चु भी नहीं निकलती है अमेठी जिले में कब्जेदारों की फेहरिस्त बहुत लंबी है अमेठी जिले में जिलाधिकारी आज भी डाक  बंगले पर अवैध कब्जा करके अपना निवास बनाए हुए हैं अमेठी जिले के पुलिस अधीक्षक भी कुछ कम नहीं है उन्होंने उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा बनवाए गए भवन पर जिले के गठन के बाद से ही कब्जा कर लिया है और आज तक उन्होंने जल निगम विभाग के जमीन को अपने कब्जे से मुक्त नहीं किया है वहीं जिलाधिकारी अमेठी ने जिले के गठन के बाद से ही जिस डाक बंगले पर कब्जा किया आज भी उसे छोड़ने को तैयार नहीं है इस संदर्भ में बड़ा रोचक तथ्य सामने आता है कि क्या कोई सरकारी अधिकारी किसी अन्य दूसरे सरकारी विभाग की संपत्ति पर कब्जा कर सकता है। यदि नहीं तो आखिर अमेठी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक कब अपने द्वारा किए गए अवैध कब्जे से मुक्त करेंगे अमेठी जिले का गठन एक दशक पहले हुआ था लेकिन समय की विडंबना कुछ ऐसी हुई कि जिला कभी बहाल तो कभी खारिज होता रहा है।पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार ने अमेठी जिले को पूरी तरह से जीवन दान देते हुए अमेठी जिला बहाल करने की घोषणा की थी। लेकिन जिला बहाली की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार आजतक अपने प्रशासनिक अमले को अमेठी में स्थाई रूप से स्थिर नहीं कर पाई है जिस से सवाल उत्पन्न होता है कि अमेठी के लोगों को कब प्रशासनिक अमले के लिए स्थिर भवन और जगह मिल पाएगी जो आज इधर उधर स्थांतरित होते रहते हैं क्या अमेठी जिले को स्थिर प्रशासनिक भवन और उनके अधिकारियों से को स्थिर निवास मिल पाएगा आज तक जितने भी जिलाधिकारी अमेठी में आए और गए किसी भी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।