छोटे अखबार के संपादक ने खोद डाली डेरा सच्चा सौदा की बुनियाद

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डेरा सच्चा सौदा के ऊपर लगाए गए आरोपों को अदालत ने सबूतों के साथ सच मान डेरा सच्चा सौदा के संचालक को 10 10 साल की सजा सुनाई गई है जो सजाएं अलग अलग से चलेंगी ।साधारण भाषा में कहा जाए तो डेरा सच्चा सौदा के संचालक को 20 साल की बा मुशक्कत सजा के साथ जुर्माना भी लगाया गया है हरियाणा के सिरसा डेरा सच्चा के साम्राज्य पर कानून का पहरा लग गया है ।इस मामले को चर्चित बनाने के लिए वर्तमान हरियाणा की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर भी पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। जिसके बाद हिंसक घटनाओं का दौर तो खत्म हो गया और हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया गांव में बनी जेल के अंदर अस्थाई रूप से न्यायालय कक्ष में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दस दस साल की सजा दो अलग मामलों में सुनाई गई है।
  हरियाणा के बहुचर्चित डेरा सच्चा सौदा के संत राम रहीम के यौन उत्पीड़न के मामले में पंचकूला की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने का मामला मीडिया में सुर्खियों में रहा है लेकिन आज जिस मामले को मीडिया प्रकाशन घराने सुरखी बना रहे हैं मुख्य खबरों में जगह दी जा रही है कल तक वही मामला कोई भी बड़ा मीडिया घराना प्रकाशित करने को तैयार नहीं था इसके लिए सिरसा जिले के संध्या दैनिक पूरा सच के सम्पादक रामचंद्र छत्रपति ने हिम्मत दिखाई थी और पूरे मामले को खोल कर रख दिया था उस वक्त बड़े मीडिया घराने बाबा राम रहीम के बारे में कुछ भी लिखने बोलने से घबरा रहे थे लेकिन सिरसा के पूरा सच के संपादक जो छोटे से अखबार पूरा सच के नाम से जाने जाते थे उन्होंने इस मामले को हाइलाइट किया और संघर्ष की लड़ाई करते हुए अपनी जान भी कुर्बान कर दी ।
             पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने पत्रकारिता के लिए अपनी जान भी कुर्बान कर दी और सच को सामने लाने का जो जज्बा इस विश्व के हर पत्रकार में होना चाहिए उसके लिए मिसाल बन गए। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने समय-समय पर सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में हो रहे साध्वियों के उत्पीड़न और उनके दैहिक शोषण व उसके अंदर होने वाली असमाजिक हलचलों को अपने अखबार में जगह देते हुए आवाज उठाई लेकिन तत्कालीन इनेलो की ओम प्रकाश चौटाला सरकार भी बाबा राम रहीम के मंत्र जाल में फंसी हुई थी ।उसने भी डेरा के साध्वियों और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को मिल रही जान से मारने की धमकी को संज्ञान में नहीं लिया जिसके कारण पत्रकार रामचंदर छत्रपति को डेरा सच्चा सौदा के अंधभक्त गुंडों ने गोलियों से छलनी कर दिया ।यह घटना समस्त मीडिया जगत में आश्चर्य पैदा कर देने वाली घटना थी । जिसने एक छोटे से संध्या दैनिक के पत्रकार को मौत के घाट उतार दिया ।वही बड़े मीडिया प्रकाशन घरानों ने बाबा राम रहीम के बारे में आवाज उठाने की भी हिम्मत नहीं की और यह हिम्मत जब बड़े मीडिया घरानों ने उठाई होती तो आज पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हमारे लोगों के बीच में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होते ।