अमेठी में राहुल गांधी का अमेठी आना अमेठी वासियों के लिए अच्छा संकेत है अमेठी वासियों को अपने क्षेत्र के लोकसभा प्रतिनिधि से मिलकर अपनी क्षेत्र की समस्याओं को बताने का अवसर प्राप्त हो रहा है जैसा कि सभी जानते हैं राहुल गांधी भारत की प्रतिष्ठित राजनैतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और राजनैतिक घराने गांधी- नेहरु परिवार के उत्तराधिकारी है ।राहुल गांधी का अमेठी में आना राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है । भारत में केंद्र व राज्य की सत्ता में स्थापित भारतीय जनता पार्टी के अमेठी के नेता राहुल गांधी के क्षेत्र में आने से काफी पशोपेश में है। राहुल गांधी का अमेठी दौरा उनके और क्षेत्रवासियों के बीच में सीधा संवाद का हिस्सा बना हुआ है। सीधे संवाद में क्षेत्र के लोग अपनी तकलीफ और समस्याओं को अपने नेता से मिलकर बताने में कामयाब हो रहे हैं । राहुल गांधी का विधानसभा चुनाव में अमेठी में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगना भी चर्चा का विषय बना हुआ था ।लेकिन जिस तरह से चुनाव के बाद नवरात्रि और दुर्गा पूजा के अवसर पर राहुल गांधी अपने क्षेत्र में आकर अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिलकर क्षेत्र की जनता का हाल चाल पूछ रहे हैं यह उनके पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए माना जा सकता है । राहुल गांधी अपने पिता स्वर्गीय राजीव गांधी के पदचिन्हों पर चलकर क्षेत्र की जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित कर अपने पिता की शैली को अपनाकर के लोगों में अपने प्रति प्रेम और और विश्वास कायम करने में सफल हो रहे हैं । राहुल गांधी का अमेठी का 3 दिवसीय दौरा अमेठी के लोगों में कांग्रेस के प्रति विश्वास पैदा करने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है । राहुल गांधी अमेठी को अपना घर बताते हैं और इस बार का अमेठी दौरा उन्होंने अपने पिता के पुराने चिरपरिचित अंदाज को अपनाते हुए किया है, जो कि राहुल गांधी को एक सधा हुआ राजनीतिक नेतृत्व शाली व्यक्तित्व की मिसाल बनने की तरफ कदम माना जा सकता है , कुल मिलाकर माना जाए तो राहुल गांधी का तीन दिवसीय अमेठी का दौरा सफल कहा जा सकता है ,लेकिन जनता से ज्यादा अमेठी की मीडिया से जुड़े लोग राजीव गांधी के उत्तराधिकारी राहुल गांधी से प्रतिपक्षी विचार रखते हुए विरोध में लेख और खबरें प्रकाशित कर अपनी ओछी मानसिकता को दिखाने की बरकरार कोशिश कर रहे हैं या यूं कहा जाए की अमेठी की मीडिया में भारतीय जनता पार्टी के अनौपचारिक रूप से एजेंट काम कर रहे हैं जो किसी नेता के बारे में सही ना लिखकर पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग कर रहे हैं । इसी बात का अंदाजा लगा कर राहुल गांधी ने अमेठी में मीडिया कर्मियों से दूरी बना ली है । कांग्रेस नेताओं ने सधि हुई रणनीति के अंतर्गत अमेठी की मीडिया को किनारे करने का पूरा प्रयास किया है और उनके द्वारा किए जा रहे जनता मिलन कार्यक्रम और संवाद कार्यक्रमों पर मीडिया के लोगों को सूचनाएं नहीं दी जा रही थी फिर भी अमेठी के मीडिया प्रमुखों द्वारा राहुल गांधी के होने वाले प्रत्येक कार्यक्रमों को कवरेज करने का कार्य बड़ी निष्ठा और लगन से किया गया है राहुल गांधी की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जिला संगठन द्वारा अमेठी के बड़े प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रमुखों को अपने कार्यक्रमों से दूर रखने का प्रयास लगातार जारी रहा है और 1 दिन के अपने दौरे पर राहुल गांधी का यह कहना कि 6 महीने के समय में हम बदलाव ला देंगे यह एक साधे हुए कुशल नेतृत्व के बयान रूप में देखा जा सकता है जिसने अमेठी में अपने घर में रहकर यह बात कह कर केंद्र की सत्ता संभालने वाले नरेंद्र मोदी पर करारी चोट की है आज यहीं राहुल गांधी यदि अमेठी के बजाय किसी और क्षेत्र में जनसभा में कहते तो भारतीय जनता पार्टी के नेता राहुल गांधी का उपहास उड़ाने में पीछे ना रहते लेकिन जिस तरह से राहुल गांधी ने अपने विदेश भ्रमण को पूरा करने के बाद अमेठी में आकर इस तरह बयान दिया है जो विपक्षी लोगों को धूल चटाने के लिए पर्याप्त है।
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