अमेठी
यादवों (भारतीय मूलनिवासीयों)का महाकुम्भ हैं नन्दमहर धाम ।
यादवों का महाकुम्भ हैं नन्दमहर
धाम यहां पर कार्तिक पूर्णिमा पर लगता हैं यादवो का महाकुंभ साल के बारहो महीने हर मंगलवार को लगता है साप्ताहिक मेला, चढ़ाया जाता है दूध अब हम आपको बताते चले कि अमेठी के जिला मुख्यालय गौरींगज से 14 किमी व मुसाफिरखाना से 7 किमी दूरी पर स्थित है बाबा नन्द महर धाम, जो कि ऐतिहासिक यादों को अपनों में सँजोय हुएे है । कल शुक्रवार 3 नवम्बर से शुरू हो रहा है मेला।मेले का समापन पूर्णिमा के दिन शनिवार 4 नवम्बर को होगा। इस स्थल पर देश प्रदेश के अनेकों हिस्सो के यादव समाज के लोग अपने आराध्य को पूजने आते है। यह स्थल यादवो के महाकुम्भ के नाम से मशहूर है। जहाँ पर हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री,राजीव गांधी,व श्रीमती सोनिया गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव जी भी इस पावन स्थल पर टेक चुके है माथा। , इस क्षेत्र के लोग अपने गाय व भैंस के नवजात बच्चों के पैदा होने पर दूध चढ़ाने के बाद ही खुद इस्तेमाल करते है।
पौराणिक मान्यता है कि महाभारत काल मे नन्द महर गाँव का साम्राज्य पौड्रंक के हाथ मे था। राजा अपने को वासुदेव बताता था। इस बात से नाराज होकर भगवान श्री कृष्ण व बलराम ने पौड्रंक का वध कर दिया। कई दिन बीत जाने तक दोनों भाइयों के घर न पहुचने पर नन्दबाबा खोजते हुए यहाँ नन्द महर धाम पहुच गए, जहाँ रुककर उन्होंने हवन पूजन किया। बाद में उन्ही की याद में यहाँ मंदिर का निर्माण किया गया। बाबा नन्द व श्री कृष्ण से जुड़े कुछ गाँव भी बसे हुए है केशवपुर, नारायणपुर, वसायकपुर। जिससे कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण का पदार्पण इस धाम पर हुआ था। जो यादव समाज के अलावा सभी के आस्था का केंद्र है, जिसके उपलक्ष्य में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर दो दिवसीय मेला लगता है। जिसमे देश प्रदेश की महिला व पुरुष लाखों की संख्या में भाग लेते है। यादव समाज से दूर दराज के लोग अपने कुल श्रेष्ठ योगेश्वर श्रीकृष्ण के पूज्य नन्द बाबा के धाम पर सैकड़ो किलोमीटर पैदल चलकर हाथ में झंडा व आरती लेकर आते है। जिसे हवन पूजन के बाद परिसर में बने राजा बलि के मंदिर पर चढ़ाया जाता है। साथ मे दूध को भी चढ़ाया जाता है।हम आपको बता दे कि इस कार्यक्रम की सफलता के लिए उत्तर प्रदेशीय यादव महासभा अमेठी की टीम व जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहता है।
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