महिलाओं को शौचालय का लाभ नहीं मिल रहा

 सरकार भारत को ओडीएफ घोषित कर रही है लेकिन महिला कैबिनेट मंत्री के लोकसभा क्षेत्र में ठीक इसके विपरीत हो रहा है। करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी महिलाओं को शौचालय का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि शौचालय निर्माण भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है । शौचालय निर्माण में लगी भ्रष्टाचार की दीमक पूरे अभियान को अंदर ही अंदर खोखला करके सरकार चिढ़ाते हुए सवाल पूछ रही है। अमेठी मे गरीब महिलाओं की बात छोड़िए सरकारी विभागों में शौचालय सुविधाओं का अकाल पड़ा हुआ है । ज्यादातर सरकारी कार्यालयों के शौचालयों की हालत खराब है । सफाई के नाम पर शून्यता प्रदर्शित होती है ।बात जिले के कलेक्ट्रेट में शौचालय की हो या तहसील में बने शौचालय की या फिर ग्राम पंचायत में बने शौचालय की हो या सरकारी स्कूल के शौचालय की हो। ऐसा ही एक मामला ब्लॉक मुसाफिरखाना के अंतर्गत प्राइमरी स्कूल की है जहां पर आधा दर्जन से ज्यादा महिला शिक्षकों समेत स्कूल की छात्राओं को भी शौचालय सुलभ नहीं है राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े विद्यालय में महिलाओं की अस्मत हर वक्त दांव पर लगी रहती है । यदि किसी को स्कूल अवधि के दौरान शौचालय की जरूरत पड़ जाए तो भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है । विद्यालय में मौजूद शिक्षिकाओं व स्टाफ का कहना है कि गांव के असामाजिक तत्व शौचालय सीट व दरवाजा तोड़ देते हैं और विद्यालय से लेकर परिषद में जाकर गंदगी का अमबार  लगा देते हैं। अमेठी के हालात अपने निर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी से इस और सुधार की दृष्टि डालने के लिए आश्रित है।