लेखिका सोनम यादव
भारत देश ऋतुओ का देश है ।भारत में मुख्यतः छः ऋतुएँ हुए हैं ।बसंत ऋतु को ऋतुओ का राजा कहा जाता है । यह माघ मास के शुक्ल पक्ष में आती है ।और माघ मास की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है ।उत्तर भारत के लोग बसंत पंचमी को बहुत ही हर्ष उल्लास से मनाते हैं ।
बसंत पंचमी को हरे भरे खेतों में सुनहरी पीली छटा बिखर जाती है । बसंत पंचमी को सरसों की फसल में पीले फूल आने से वातावरण में पराग का उड़ते हैं । पौधों में फूल हंसने और मुस्कुराने लगते हैं ।आम के पेड़ में बौड़ जाता है ।गेहूं की फसल में क्रांतिकारी अवस्था है ।खेतों में भंवरों की गुनगुन गुन जाए मान होती है ।मधुमक्खी फूलों को देख कर झूमती परागकण और फूलों का रस चूस कर अपने छत्ता्तो् में इकट्ठा करती है ।जो स्वादिष्ट व रोग प्रतिरोधी मूल्यवान शहद का निर्माण निर्मित करती है ।
भारत के लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और लोग पीले चावल व पीले पकवान बनाते हैं । विद्यार्थी बसंत पंचमी को धूमधाम से मनाते हैं । स्कूलो , कॉलेज और विश्वविद्यालयों में विद्या की देवी वीणावादिनी की पूजा अर्चना करते हैं औरकामना करते हैं कि बुद्धि और विवेक का आशीर्वाद मां सरस्वती प्रदान करें ।
बसंत पंचमी को लोग गुजरात में फूल मालाओं के गुलदस्ते आदान - प्रदान करते हैं । पंजाब के सिख अपने सिर पर पीले रंग की पगड़ी धारण करते हैं ।भगवान श्री कृष्ण की जन्म स्थली ब्रजभूमि में राधा कृष्ण की पूजा अर्चना की जाती है । महाराष्ट्र में नवविवाहित दंपत्ति मंदिर में जाकर देवताओं के आशीर्वाद मांगते हैं ।पंजाब ,हरियाणा ,दिल्ली ,उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,महाराष्ट्र में लोग नदियों में स्नान करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं और गरीब लोगों को पीले चावल और अन्नन का दान करते हैं ।
बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी भी कहा जाता है । उड़ीसा राज्य में बसंत पंचमी को श्री पंचमी के नाम से जाना जाता है। लोग भारत में ऋतुराज बसंत का आगमन बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं।

Social Plugin